Here the ganges of my thoughts flows continuously.............
| at 7:35 PM
न जाने लोग कैसा-कैसा खेल खेलते हैं पल भर में कैसा गिरगिट सा रंग बदलते हैं आप हर इक कदम फूँक-फूँक कर रखना "रूमी" यहाँ अपने सिखाये ही अपने पर चाल चलते हैं!!
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