जिंदगी
जिंदगी से अंत में हम उतना ही पाते हैं
जितना उसमे मेहनत की पूँजी लगते हैं!
पूँजी लगना संकट का सामना करना है
उसके हर इक पन्ने को उलट कर पढ़ना है
जिंदगी में गर हम आप ही आप रहे तो क्या रहे
फ़क़त खुशियों के लहरों में बहे तो क्या बहे
जिंदगी में है "रूमी" कभी खुसी तो कभी गम
जीना उसे आया जो किसी खुशी को न समझे कम !