आपके जानिसार हो जायें
आदमी में शुमार हो जाएँ

लोग उठा के लगायें आँखों से
इस कदर खाकसार हो जाएँ

अपना किरदार क्या तमाशा है
अब से सोगवार हो जाएँ

राहेजन हो चले हैं मुखालिश
राह -रवौ होशियार हो जाएँ

इश्क का एक मुकाम ये भी है
हुस्न के राजदान हो जाएँ

कह सके न गर जबान तो
आँखें ही अस्कबार हो जायें

क्या थे, क्या हो गए आप
सोच लें तो शर्मसार हो जायें!

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