रफ्ता-रफ्ता तेरी सोहबत में जिन्दगेई हो रही खुश्गवा

तुझे ख़बर नही शायद की तू बन गई है मेरी रहनुमा

अभी तक जीता आया है गफलत की ये बेमुराद जिंदगी "रूमी"

तेरे इश्क का असर है की बदला-बदला सा नज़र आता है हुज़ूर का अंदाजे बयां





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