| at 2:06 AM
मैं हूँ तेरा आशिक, तेरा दीवाना
तू मेरी जान है, तू मेरी महबूबा
तुझपे निशार हो जाये हश्ती-ऐ-रूमी
ओं मेरी शब्ज जिंदगी की मह्पारा !
| at 5:39 AM
जाम-इ-इश्क डूब कर पीने जा रहे हैं हम,
खुद से अपना जिक्र करने जा रहे हैं हम,
भूल कर माजी-इ-हश्ती "रूमी"
इक नयी जिंदगी जीने जा रहे हैं हम!
| at 5:53 AM
आपके जानिसार हो जायें
आदमी में शुमार हो जाएँ
लोग उठा के लगायें आँखों से
इस कदर खाकसार हो जाएँ
अपना किरदार क्या तमाशा है
अब से सोगवार हो जाएँ
राहेजन हो चले हैं मुखालिश
राह -रवौ होशियार हो जाएँ
इश्क का एक मुकाम ये भी है
हुस्न के राजदान हो जाएँ
कह सके न गर जबान तो
आँखें ही अस्कबार हो जायें
क्या थे, क्या हो गए आप
सोच लें तो शर्मसार हो जायें!
| at 4:36 AM
| at 4:23 AM
तुम्हे समझने की हम हर घरी कोशिस करते हैं
न जाने क्यों तुमसे अपना हाले दिल कहने से डरते हैं
हर एक पल तेरा रुखसार देखने तो तरसता है "रूमी"
तुझे कितना प्यार करते हैं ये हम नही जानते हैं!